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टीम ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे संसद के पदों पर सुप्रीम कोर्ट में

Udhav Thakre PC

इंडिया 24×7 न्यूज़: उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने अपने सांसदों को लोकसभा पदों से हटाने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर की है। याचिका में लोकसभा में शिवसेना के नेता के रूप में राहुल शेवाले सहित एकनाथ शिंदे गुट से उनकी बहाली और रद्द करने का आह्वान किया गया है। उन्होंने भावना गवली को पार्टी के मुख्य सचेतक के पद से हटाने की भी मांग की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नियुक्तियां पार्टी विरोधी गतिविधियों के दोषी एमपीएस के इशारे पर की गई हैं।

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याचिका में यह भी कहा गया है कि अध्यक्ष ने नैसर्गिक न्याय के बुनियादी नियमों का पालन नहीं किया। उन्होंने विशिष्ट अनुरोधों के बावजूद शिवसेना संसदीय दल या याचिकाकर्ताओं से स्पष्टीकरण नहीं मांगा।

सांसद विनायक राउत और राजन विचारे द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि ऐसा करके स्पीकर ने पार्टी विरोधी गतिविधियों को जारी रखा है।

श्री राउत, जो लोकसभा में शिवसेना के नेता थे और पार्टी के पूर्व मुख्य सचेतक श्री विचारे ने आरोप लगाया कि संसद का मानसून सत्र शुरू होने पर अध्यक्ष द्वारा उन्हें अवैध रूप से और एकतरफा हटा दिया गया था।

महाराष्ट्र मे शिव सेना A और शिव सेना B की बीच हो रही खींचतान और असली नकली की लड़ाई पर सबकी नज़रें टिकी हुई हैं वहीँ दूसरी और यह भी ध्यान देने योग्य बात है की नई सरकार के शपथ लेने के एक महीने बाद भी अभी ना मंत्रीपद और ना ही विभागों का बटवारा हो पाया है। शायद भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व इस पर निर्णय नहीं ले पा रहा है क्योंकि जहां एक ओर एकनाथ शिंदे गुट के सभी पूर्व मंत्रियों को फिर से मंत्रिपद देना तय है वही भाजपा को महाराष्ट्र में भाजपा के सभी विधयक मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

हालाँकि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ऐसी स्तिथिओं से निपटने में माहिर है लेकिन उसे आने वाले दिनों में होने वाले क्षेत्रीय निगम चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही फैसले लेने होंगे। 2024 के चुनावों में भाजपा को एंटी इंकम्बेंसी यानी की विरोध लहर का भी सामना करना पड़ेगा। 2024 के चुनाव जीतना अब उतना आसान नहीं होगा जितना 2014 या फिर 2019 था।

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