इंडिया 24×7 न्यूज़: विश्व केटलबेल में भारतीय महिला को रजत पदक मिला है। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कैटलबेल लिफ्टिंग (आई. यू. के. एल.) द्वारा हंगरी के बुडापेस्ट में कैटलबेल स्पोर्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप का आयोजन 22 से 24 अक्टूबर 2021 किया गया है। आज होने वाली 16 किलो कैटलबेल बैथलॉन की 58 किलोग्राम में गुरुग्राम की अंशु तारवाथ ने सिल्वर मैडल जीत कर भारत का नाम रोशन किया।
हंगरी के बुडापेस्ट में वाली इस विश्व चैंपियनशिप में 32 देशों के 450 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। हंगरी के बुडापेस्ट में वाली इस विश्व चैंपियनशिप में 32 देशों के 450 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
भारत में केटलबेल खेल के प्रति धीरे-धीरे खिलाड़ियों का रुझान बढ़ता दिखाई दे रहा है। भारत में कैटलबेल खेल को इस स्तर पर ले जाने का श्रेय कैटलबेल स्पोर्ट इंडिया एसोसिएशन (KSIA) जाता है, जो इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कैटलबेल लिफ्टिंग (IUKL) का सदस्य है। कोरोना वायरस के चलते जहां ओलिंपिक सहित सभी अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन रद्द किए जा रहे थे, वहीं इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कैटलबेल लिफ्टिंग (IUKL) ने भी 21 से 26 अक्टूबर 2020 को जर्मनी में होने वाल वर्ल्ड चैंपियनशिप (World Kettlebell Championship) को भी रद्द कर दिया था। लेकिन इस वर्ष इसका आयोजन किया गया है।
क्या है केटलबेल:
गिरिया (रूसी शब्द) जिसे केटलबेल के नाम से जाना जाता है, धातु से बना ठोस है, जिसका उपयोग 18 वीं शताब्दी में खेतों में फसलों का वजन करने के लिए किया जाता था। इस तरह के वजन का उपयोग १९वीं शताब्दी में सर्कस के खिलाड़ियों द्वारा जाता था। 1855 में उन्होंने रूस और यूरोप में मनोरंजन और प्रतियोगिता के लिए केटलबेल का उपयोग करना शुरू कर दिया। केटलबेल नाम 20वीं सदी में इस्तेमाल किया गया था। केटलबेल कच्चे लोहे या कास्ट स्टील से बना होता है जो एक हैंडल से जुड़ा होता है।