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SGFI चुनाव – अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष बदले

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इंडिया 24×7 न्यूज़: (SGFI Election) स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया जो अब एसजीएफआई (SGFI) के नाम से जानी जाती है के चुनाव में कुछ जाने माने चेहरे अधिक शक्तिशाली रूप से उभर कर आए हैं। हालांकि चुनाव के परिणामो की घोषणा 29 तारीख को तमिलनाडु में रिटर्निंग अफसर द्वारा की जाएगी लेकिन कल 22 दिसंबर उम्मीदवारों द्वारा नाम वापिस लेने का आखिरी दिन था। 22 दिसंबर को कोई भी नाम वापिस नहीं लिया गया है इसलिए निर्वाचन अधिकारी सय्यद जफ़र हुसैन द्वारा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों की अंतिम सूची की घोषणा कर दी है।

SGFI कोषाध्यक्ष, महासचिव और अध्यक्ष एक ही फोटो में (फाइल फोटो)

इस सूची के अनुसार अंडमान से वी रंजीत SGFI के अध्यक्ष पद पर एकमात्र उमीदवार हैं, महासचिव पद पर मध्यप्रदेश के अलोक खरे और कोषाध्यक्ष पद पर विद्याभारती से मुख्तेज सिंह बदेशा निर्विरोध हैं जिसकी घोषणा 29 तारीख को होनी बाकी है।

जैसा की एसजीएफआई में हमेशा होता आया है इस बार भी सभी नाम सर्वसमति से चुने गए थे लेकिन महासचिव पद पर दो लोगों ने परचा भरा था। मध्य प्रदेश के आलोक खरे के अलावा महाराष्ट्र के विजय सनातन ने भी परचा भरा था लेकिन प्रस्तावक का नाम ना होने की वजह से उनका पर्चा रद्द हो गया जिसकी वजह से अलोक खरे एकमात्र दावेदार के रूप में बचे।

SGFI के नए अध्यक्ष वी रंजीत पिछले 16 सालों से SGFI के उपाध्यक्ष हैं और संगठन का काम को बेहतर समझते भी हैं। और SGFI के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि दक्षिण भारत से कोई अध्यक्ष बना हो।

महासचिव पद पर महासचिव अलोक खरे एक सुलझे हुए वरिष्ठ अधिकारी हैं, संगठन और सरकारी कामकाज की पेचीदगिओं को बेहतर समझते हैं। इसलिए संगठनात्मक और कार्यकारी कामकाज में भी SGFI को किसी तरह की समस्या नहीं होगी। संगठनात्मक रूप से सभी पदाधिकारिओं और कार्यालय अधिकारिओं में तालमेल इनके लिए कोई समस्या नहीं होगी।

जहां तक बात है मुख्तेज सिंह बदेशा की तो वह भी एक बड़े संगठन विद्याभारती के खेल निदेशक हैं, इतने बड़े संगठन के खेल विभाग को संभालना अपनेआप में कठिन कार्य है। सौम्य छवि के बदेशा तालमेल में माहिर हैं।

SGFI पदाधिकारिओं के नाम

निर्विरोध चुने जाने वाले पदाधिकारिओं के नाम इस प्रकार हैं:
अध्यक्ष: वी रंजीथ कुमार (अंडमान निकोबार द्वीप समूह)
उपाध्यक्ष : डॉ सलीम उर रेहमान (जम्मू कश्मीर)
उपाध्यक्ष: के राम रेड्डी (तेलंगाना)
उपाध्यक्ष: एच सिंगलूरा (मिजोरम)
उपाध्यक्ष: उर्मिला राणा (उत्तराखंड)
उपाध्यक्ष: दिलीप यादव (पश्चिम बंगाल)
उपाध्यक्ष: वी सिंह (डीएवी)
उपाध्यक्ष: ए अनादान (पुड्डुचेरी)
उपाध्यक्ष: प्रदीप कुमार (सीबीएसई वेलफेयर)
महासचिव: अलोक खरे (मध्य प्रदेश)
संयुक्त सचिव: बी एस अनंथा नायक (कर्नाटक)
संयुक्त सचिव: भाग राम होता (हिमाचल प्रदेश)
संयुक्त सचिव: एम् वासु (तमिलनाडु)
संयुक्त सचिव: अनिल कुमार मिश्रा (छत्तीसगढ़)
संयुक्त सचिव: बलविंदर सिंह (चंडीगढ़)
संयुक्त सचिव: राजेंदर सिंह (हरियाना)
संयुक्त सचिव: बीनू अशोकन (केवीएस)
महासचिव: अलोक खरे (मध्य प्रदेश)
कोषाध्यक्ष: मुख्तेज सिंह बदेशा (विद्या भारती)

आपको बता दें कि 2020 सभी खेल संगठनों की मान्यता एक जनहित याचिका के चलते रुकी हुई थी और हाल ही में उच्चन्यालय की सहमति से खेल मंत्रालय ने कुछ खेल संगठनों की मान्यता भाल की है जिसमे SGFI भी है। इन सभी संघटनो 2021 की मान्यता तभी मिल सकेगी यदि यह संगठन दिसंबर 2020 तक अपने चुनाव करवा लेते हैं।

खेल मंत्रालय ने इन सभी संगठनों को 31 दिसंबर तक स्पोर्ट्स कोड के तहत अपने चुनाव कराने को कहा था। इसी के तहत SGFI ने अपने चुनाव 29 तारीख तक सम्पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी जो कि 29 दिसंबर को पूरी हो जाएगी। हालांकि COVID19 के चलते इस पर प्रश्नचिन्ह लगे थे लेकिन यदि SGFI अपने चुनाव तय समय में नहीं कराती तो 2021 में खेल मंत्रालय की मान्यता के लिए समस्या खड़ी हो जाती।

फिलहाल यह चुनाव समय पर होते हुए दिखाई दे रहे हैं इसलिए उन सभी खिलाड़िओं के लिए एक बड़ी राहत की बात है जो 2021 में SGFI खेलों की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

देखना होगा की इन सभी अधिकारिओं की साफ़ छवि, कार्यक्षमता और कार्यकुशलता के चलते पहले से ही विवादित SGFI क्या अपनी छवि में सुधार पाएगी ?

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