एशियाई ओलिंपिक परिषद (Olympic Council of Asia) के अध्यक्ष के इस्तीफे की वजह से रणधीर सिंह को परिषद का कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया है। इस से पहले शेख अहमद अल फहाद अल सबाह अध्यक्ष पद पर आसीन थे लेकिन शेख अहमद को जिनेवा की की एक कोर्ट द्वारा एक जालसाजी मामले में दोषी करार दिया गया जिसकी वजह से उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा।
72 वर्षीय रणधीर सिंह 1991 से 2015 तक एशियाई ओलिंपिक के महासचिव पर रहे और अभी आजीवन उपाध्यक्ष पद पर हैं। सिंह साहब भारतीय ओलिंपिक संघ के महासचिव रह चुके हैं और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी के माननीय सदस्य भी हैं। भारत में लोग उन्हें राजा रणधीर सिंह के नाम से भी बुलाते हैं।
रणधीर सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा खुद शेख अहमद ने एक पत्र द्वारा की जो उन्होंने सभी सदस्य संगठनों तथा कार्यकारी समिति को लिखा। पूर्व अध्यक्ष ने अपना त्यागपत्र देते हुए लिखा की अनुच्छेद 20.3 के तहत रणधीर सिंह जो की सबसे अधिक समय तक कार्यकारी समिति के सदस्य रहे हैं इस नाते वह कार्यवाहक अध्यक्ष होंगे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें 2 दिन बाद यानी 13 सितम्बर 2021 को कार्यकारी समिति की बैठक है जिसकी अध्यक्षता अब रणधीर सिंह करेंगे। इसी वर्ष मार्च में, रणधीर सिंह को ओसीए महासभा द्वारा 2022 हांग्जो एशियाई खेलों की समन्वय समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
ओलंपिक की एक बड़ी शख्सियत शेख अहमद अल-सबा को कुवैत में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को तख्तापलट की साजिश में फंसाने से जुड़ी जालसाजी का दोषी पाया गया। लोगों का तो यहाँ तक कहना था कि शेख अहमद अल-सबा आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक के अध्यक्ष होंगे।
अल-सबाह ने शुक्रवार को जारी पत्र में कहा, “… मैंने तत्काल प्रभाव से ओसीए के अध्यक्ष के रूप में अस्थायी रूप से हटने का फैसला किया है, जब तक कि मैं आज के फैसले के खिलाफ सफलतापूर्वक अपील नहीं कर लेता।”