सबसे पहले चीन के हांग्जो शहर ने फरवरी माह में इसकी शुरुआत कर दी थी जो की दूसरे शहरों में भी शरू हो गयी है।
चीन में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद की जिंदगी स्मार्टफोन के एक हरे बार कोड से चलने लगी है। हरा बार कोड एक ऐसा ‘स्वास्थ्य कोड’ है जो बताता है कि इस व्यक्ति में संक्रमण के लक्षण नहीं है।
यह हरे बार कोड का संकेत किसी सबवे, किसी होटल में प्रवेश या वुहान में दाखिल होने के लिए आवश्यक है। कोरोना वायरस की शुरुआत वुहान से ही हुई है, उसके बाद से ही यह महामारी पुरे चीन में और फिर पूरी दुनिया में फैल गयी।
यदि आप किसी भी सरकारी स्थल, ट्रेन स्टेशन, बस, रेस्टॉरेंट या अन्य किसी भी ऐसी जगह पर जाते हैं तो आपको अपने मोबाइल से एक क्यू आर कोड (QR Code) कोड स्कैन करना पड़ता है।
अगर यह कोड लाल आता है तो वह व्यक्ति संक्रमित हैं या उन्हें बुखार और अन्य लक्षण हैं। वहीं येलो कोड यह बताता कि वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आई हैं और दो सप्ताह का पृथक समय नहीं बिताया है। इसके बाद उन्हें किसी अस्पताल या घर में अलग से रखा जाता। लाल या पीले कोड वाले लोग निश्चित रूप से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
चीन की ट्रेनों में फासला बनाए रखने के संकेत लगे हुए हैं और ट्रेन से उतरने के बाद भी आपको फिर से QR Code स्कैन करना होता है।
कैसे काम करती है यह एप्प ?
इस प्रणाली के लिए कोई व्यक्ति हांग्जो सरकार के सेवा पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर सकता है। पोर्टल पर आपको अपना नाम, राष्ट्रीय पहचान संख्या, मोबाइल नंबर दर्ज करने के साथ साथ कुछ प्रश्नो के जवाब भी देने होते हैं। मांगी गई जानकारी देते ही यह सिस्टम आपके जानकारी को अपने पास उपलब्ध एक बहुत ही बड़े अज्ञात डाटाबेस से मिलान करता है। आपकी द्वारा उपलब्ध कराई गयी जानकारी को अपने डाटाबेस से मिलाने के बाद आपको एक हरा, पीला या लाल कोड दिया जाता है।
यहाँ हरे कोड का मतलब है की आप वायरस से ग्रस्त नहीं हैं और किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना रोकटोक जा सकते हैं। पीले कोड वालों को एक हफ्ते तक और लाल कोड वालों को दो हफ्ते तक घर में या अस्पताल में क्वारंटीन करके रखा जायेगा।