प्रधानमंत्री के पंजाब के फ़िरोज़पुर जिले से वापिस जाने पर मुख्यमंत्री चन्नी ने प्रेस वार्ता कर सुरक्षा में चूक होने के इल्ज़जाम पर सफाई दी:
हेलीकाप्टर वालों ने उन्हें (प्रधानमंत्री को) सड़क से जाने की सलाह दी इसमें राज्य सरकार की भूमिका बहुत कम थी। हर चीज़ आईबी और एसपीजी और केंद्रीय एजेंसियां डिसाइड रही थी।
प्रधानमंत्री के वापिस जाने के निर्णय पर सफाई देते हुए चन्नी ने कहा कि वह एक शांतिपूर्वक आंदोलन था, आंदोलनकारी सड़क पर आए तो प्रधानमंत्री को पहले रोक कर इसकी जानकारी दे दी गई और आन्दोलनकारिओं को वहां से हटा दिया गया था लेकिन उन्होंने (प्रधानमंत्री) ने वापिस आने का निर्णय ले लिया। इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। मुझे इसके लिए खेद है।
वहां सत्तर हज़ार कुर्सी लगी हुई थी लेकिन 700 लोग भी नहीं थे लेकिन मैं इन् सब बातों में नहीं जाना चाहता। मोदी जी मेरे से बड़े है उम्र में भी, और पद से भी मैं उनकी इज़्ज़त करता हूँ। उन्होंने कहा कि पंजाब की संस्कृति ऐसी नहीं है प्रधानमंत्री की जान से पहले मैं (अपना) खून दे दूंगा उनपर आंच नहीं आने दूंगा।
पत्रकारों से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि कुछ हुआ है तो उसकी जांच ज़रूर की जाएगी।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कोई भीड़ नहीं थी। कांग्रेस महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को आरोप-प्रत्यारोप में शामिल होना बंद कर देना चाहिए और भगवा पार्टी को अपने “किसान विरोधी” रवैये पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंजाब में सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे मोदी कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा नाकेबंदी के कारण 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे जिसकी वजह से यह राजनीतिक ड्रामा शुरू हुआ ।
मोदी आज पंजाब के फिरोजपुर जिले में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने वाले थे। उनके दौरे से पहले करीब 10,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था, जिसका कुछ किसान संघों ने विरोध किया था। अधिकारियों ने बताया कि सीमावर्ती जिले में ड्रोन रोधी दल तैनात किया गया है। मोदी ने दो साल के अंतराल के बाद 42,750 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए पंजाब का दौरा किया।