देश की अर्थव्यवस्था और नौकरियां देने में लघु और मध्यम उद्योगों का बहुत बड़ा हाथ है। लॉक डाउन की वजह से इन उद्योगों पर सबसे बड़ी मार पड़ी है। लगभग 50 करोड़ लोग इन उद्योग धंधों में काम करते हैं।
लॉक डाउन की वजह से छोटे उद्योगों के लिए पैकेज के लिए एक बहुत बड़ा संकट खड़ा हो गया है। किराये, कामगारों की तनख्वाह, बैंकों की किश्तें इस वर्ग के लिए सबसे बड़ी समस्या बनकर उभरी है। आज यदि इन उद्यमिओं को राहत नहीं दी जाती तो करोड़ों कामगारों की नौकरी जा सकती है और नौकरीओं को लेके देश में एक गंभीर समस्या कड़ी हो सकती है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस की 52% नौकरियां जा सकती हैं।
केंद्र सरकार छोटे उद्योगों के लिए पैकेज तैयार कर रही है जिसकी घोषणा अगले दो दिन में हो सकती है। अंदाजा है की यह बजट 1 लाख करोड़ के आसपास होगा जो लघु और मध्यम उद्योगों को राहत देने के लिए तैयार किया जा रहा है।
देश की अर्थव्यवस्था में लघु और मध्यम उद्योगों की लगभग 25% की भागीदारी रहती है।
आयकर और जीएसटी रिफंड जारी किए
कल आयकर विभाग ने जारी एक ब्यान में बताया की उन्होंने 18 हज़ार करोड़ रूपये के रिफंड जारी कर दिए हैं जिससे 14 लाख क्र दाताओं को फायदा हुआ है। इसके अलावा जीएसटी तथा शुल्क रिफंड भी जारी कर दिए गए हैं।

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