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दिल्ली के दाऊद नीरज नीरज बवाना के घर से बरामद हुआ मुसाद मैन्युअल और आपत्तिजनक वस्तुएं

नीरज बवाना

दिल्ली का दाऊद कहे जाने वाले नीरज बवाना के घर डायरियां और कुछ अन्य कागज़ात मिले हैं जो जो उसकी शख्सियत और खतरनाक सोच के बारे में बहुत कुछ कहती हैं।

NIA ने की थी छापेमारी

हाल ही में NIA ने बवाना स्तिथ नीरज बवाना के घर पर छापेमारी के दौरान तलाशी ली। तलाशी में नीरज बवाना के घर से उसकी आपराधिक गतिविधिओं से संबंधित लेनदेन की जाकारी मिली है। दुसरे गैंगस्टरों से पैसों का लेनदेन से संबंधित 60 दिनों का हिसाब किताब रखता था नीरज बवाना।

NIA ने हाल ही में देश के विभिन राज्यों में लगभग 50 जगहों पर छापेमारी की थी। NIA के अनुसार बहुत से गिरोहों के सरगना देश छोड़ कर भाग गए हैं। वे पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से धंधा चला रहे हैं। एनआईए इन गिरोहों के माध्यम से देश में चल रहे ड्रग्स, गैंगस्टर और आतंकवादी गतिविधिओं को तोडना था।

आपत्तिजनक दस्तावेज, रिवॉल्वर, पैसा, प्रॉपर्टी तथा अन्य दस्तावेज मिले

न्यूज़18 में छपी एक खबर के अनुसार नीरज के घर से छापेमारी के दौरान कुछ आध्यात्मिक किताबों के साथ साथ खुफ़िआ एजेंसी मोसाद के गुप्त अभियानों पर किताबें भी मिली हैं।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोसाद इस्राएल कि खुफ़िआ एजेंसी जो विश्वभर में अपने विशेष अभियानों के लिए जानी जाती है। क्या पक रहा था नीरज के दिमाग में यह तो NIA ही पता लगा सकती है। न्यूज़18 को यह खबर सूत्रों से मिली।

नीरज बवाना के घर की तलाशी में छह पिस्तौल और गोलिआं मिली. ड्रग्स, नकद पैसा, कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज, बेनामी संपत्ति का ब्यौरा, धमकी भरे पत्र भी NIA ने जब्त किए हैं. एनआईए के एक अधिकारी ने News 18 को बताया कि बवाना के घर से मिले दस्तावेजों में 100 करोड़ रुपये के प्लॉट को हथियाने से हुई वसूली का विवरण भी है. उसने अपने ‘कट’ का उल्लेख किया है, जो संपत्ति के कुल मूल्य का 30 प्रतिशत के करीब है. उसने रियल स्टेट और मुखौटा कंपनियों में पैसा लगाया है.

न्यूज़18 के सूत्रों की मानें तो बरामद की गई डायरी में पुलिस कर्मिओं से लेनदेन की जानकारी भी मिली है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीरज का स्थानीय पुलिस कर्मियों से भी गठजोड़ था।

नीरज के खिलाफ जबरन वसूली, जमीन हथियाने, हत्या और हत्या के प्रयास के 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। साल 2021 में देलजी के छत्रसाल स्टेडियम में सागर धनकड़ हत्याकांड में बवाना का नाम सामने आया था। कथित तौर पर, बवाना ने अपने गिरोह के सदस्यों को पहलवान सुशील कुमार के साथ जाने के लिए कहा था लेकिन अदालत में उनके वकील ने इस बात से इंकार किया।

सिद्धू मूसे वाला की हत्या का बदला लेने की थी घोषणा

‘नीरज बवाना दिल्ली एनसीआर’ नाम के एक प्रोफाइल द्वारा अपलोड की गई फेसबुक पोस्ट में गिरोह ने केवल दो दिनों में परिणाम देने की कसम खाई है। फेसबुक पोस्ट में टिल्लू ताजपुरिया, दविंदर बंबिहा और कौशल गुड़गांव जैसे अन्य गिरोहों को भी टैग किया गया है। हालांकि इस इंग्लिश वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई थी। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, “जय बाबा की। दुखद खबर मिली। सिद्धू मूसेवाला दिल से हमारे भाई थे। 2 दिनों में परिणाम देंगे।”

कौन है नीरज बवाना

नीरज बवाना

दिल्ली में जन्मा नीरज बवाना के जाट परिवार से है, उसके पिता दिल्ली परिवहन निगम में बस कंडक्टर थे। नीरज केवल 10वी तक ही पढ़ा है। कहा जाता है कि वह बचपन से ही झगड़ालू हो गया था और उसके पिता उसे डांट फटकार लगाते थे।

बचपन सी ही नीरज छोटी मोती आपराधिक गतिविधियां करने लगा था। नीरज की पहली गिरफ्तारी 2004 में एक डकैती में हुई। 2005 उसकी गिरफ्तारी एक गैर लिसेंसी हथियार रखने को लेकर हुई जिसके लिए उसे 2 साल के लिए दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

तिहाड़ में मिला दाऊद के सहयोगी से

तिहाड़ में सज़ा के दौरान उसकी मुलाक़ात दाऊद के एक करीबी सहयोगी फजल-उर-रहमान से हुई। नीरज ने रेहमान से धंधे के गुर सीखे, उसने सीखा कि कैसे पुलिस ट्रैकिंग से बचा जाए, कैसे पुलिस को अपने से दूर रखा जाए।

कहा जाता है कि यह रहमान था जिसने दाऊद की कहानियों और और दाऊद के साथ अपने रिश्तों को साझा करके नीरज बवाना को जबरन वसूली के व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए राजी किया था।

नीरज ने जब जबरन वसूली जैसे धंधे में प्रवेश किया तब नीतू दाबोदा उस धंधे में एक जाना पहचाना नाम था, एक समय ऐसा आया जब दोनों ने हाथ मिला लिया और मिलकर काम करने लगे। दोनों ने मिलकर कई वर्षों तक डकैती और जबरन वसूली जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।

साल 2011 में अजय उर्फ़ सोनू पंडित नामक व्यक्ति उनके गुट में शामिल हुआ और नीरज बवाना के काफी करीब आ गया, जिसकी वजह से नीतू दाबोदा और नीरज बवाना के दूरियां बनने लगी। यह देखकर नीतू ने सोनू पंडित का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।

इसी वजह से नीरज बवाना और नीतू के आपस में रिश्ते खराब हो गए, दोनों अपना गांड चलाने लगे और आपस में लड़ने भी लगे। एक पुलिस मुठभेड़ में नीतू दोबाड़ा की जान चली जाने के बाद भी दोनों गुटों में लड़ाइयां जारी रही और कई लोगों की जानें भी गई।

इतना ही नहीं नीरज ने बवाना गांव में चल रहे कारखानों से हफ्ता वसूली भी शुरू कर दी थी। वह अपने प्रभाव के क्षेत्रों में संचालित जुए और सट्टेबाजी के अड्डा में भी शामिल हो गया।

2015 में, नीरज को सुबह 3.45 पर मुख्य रोहतक रोड पर गिरफ्तार किया गया था, उस समय वह अपने परिवार से मिलने जा रहे थे। इसके बाद उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

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