पुलिस ने 9 नाबालिगों सहित 110 को गिरफ्तार किया
घटना महाराष्ट्र के पालघर के दहाणु तालुका की है। यह एक आदिवासी बहुल इलाका है। गडचिनचले गाँव में सैकड़ों लोगों ने अफवाह के चलते गुजरात जा रहे २ संतों और उनके ड्राइवर को डंडों से पीट पीट के मार डाला जबली पुलिस मूक दर्शक बनकर देखती रही।
जूना अखाड़ा के 2 महंत कल्पवृक्ष गिरी ( उम्र 70 वर्ष), महंत सुशील गिरी (उम्र 35 वर्ष) अपने ड्राइवर निलेश तेलगडे (उम्र 30 वर्ष) के साथ मुंबई से गुजरात एक अंतेष्टि लिए जा रहे थे। रास्ते में पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए रोका। इसी दौरान खबर फ़ैल गयी की यह बच्चा चोर हैं।
पुलिस की पूछताछ के दौरान ही वहां पर भीड़ इकठा हो गयी और अचानक तीनो को मारने लगे। वीडियो में साफ़ दिलखाई दे रहा है की एक संत ने पुलिस का सहारा लेने की कोशिश की लेकिन पुलिस वाले ने अपनी जान बचाने में ही बेहतरी समझी। देखते ही देखते लोगों ने डंडों से बेदर्दी से इतना मारा की उनकी मौत हो गयी।
16 अप्रैल की इस घटना के विडिओ 2 दिन बाद वायरल हुए।
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, वाराणसी ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी और उच्स्तरीय जांच की मांग की। जूना अखाड़े ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ने हवाई फायरिंग क्यों नहीं की जबकि तीनो पुलिस की हिरासत में थे।
साध्वी प्रज्ञा ने अपने ट्वीट में कहा “मै आहत हूँ – महारष्ट्र में दो सन्यासिओं की निर्मम हत्या कर दी गई, पुलिस प्रशासन मौन था। सन्यासिओं की हत्या सम्पूर्ण स्नातनीओँ व् देश के किए एक चुनौती है। इस घटना की जांच हो, कठोरम दंड के साथ न्याय हो।”
मुख्यमंत्री के दफ्तर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गई है कि “पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है. घटना के दिन ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दण्ड दिया जाएगा.”
इस घटना की सभी राजनीतिक नेताओं की तरफ से निंदा की गई।
[…] पालघर में दो संतों और उनके ड्राइवर की भीड़ द्वारा बेरहमी से मारे जाने को लेकर रिपब्लिक टीवी के मुख्य सम्पादक अर्नब रंजन गोस्वामी ने अपने टीवी के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्षा सोनिआ गाँधी पर सीधे तौर पर आपत्तिजनक आरोप लगाए थे। […]