India 24×7 News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran khan) ने बताया कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेद सुलझाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के साथ टीवी पर बहस करना चाहेंगे. खान ने मॉस्को की अपनी पहली यात्रा की पूर्व संध्या पर रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ‘आरटी’ से इंटरव्यू के दौरान यह टिप्पणी की. पिछले दो दशक में पहली बार कोई पाकिस्तानी प्रधानमंत्री रूस की यात्रा कर रहा है. अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान खान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वार्ता करेंगे और प्रमुख क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामलों पर चर्चा करेंगे.
इमरान खान मॉस्को की अपनी पहली यात्रा से पहले रूस के सरकारी टेलीविजन नेटवर्क ‘आरटी’ से इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह पी एम् नरेंद्र मोदी के साथ टीवी पर बहस करना चाहेंगे। इमरान खान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा क़ि ‘‘मैं नरेंद्र मोदी के साथ टीवी पर बहस करना चाहूंगा.” इमरान का मानना है कि यदि मतभेदों को बहस के माध्यम से सुलझाया जा सकता है तो यह भारतीय उपमहाद्वीप में अरबों से अधिक लोगों के लिए फायदेमंद होगा।
इमरान खान दो दिन की रूस की यात्रा पर जा रहे हैं जहां उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से क्षेत्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इमरान पिछले बीस वर्षों में रूस की यात्रा करने वाले पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री होंगे।
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हालांकि इमरान जानते हैं कि ऐसा संभव नहीं है और ऐसी बातें ना तो सार्वजनिक मंच पर की जाती हैं और ना ही ऐसी चर्चा से कोई समाधान निकलता है। यदि पकिस्तान सच में दोनों देशों के बीच शान्ति चाहता है तो इसके लिए माहौल बनाना होगा। दोनों ही देशों को इसके लिए माहौल बना होगा।
दोनों देशों के बीच शान्ति स्थापित होने से ज़्यादा फायदा पाकिस्तान को ही होगा, क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्तिथि अच्छी नहीं है वह विदेशी सहायता की मदद से ज़िंदा हैं। पाकिस्तान को विदेशों से मिलने वाली आर्थिक मदद का एक बहुत बड़ा हिस्सा सेना और आतंकवादी गतिविधिओं पर खर्च होता है।
यूँ तो दोनों देशों में शान्ति स्थापित होने से भारत को भी फायदा होगा क्योंकि भारत भी अपनी सीमाओं को चाक चौबंद रखने के बहुत बड़ा पैसा खर्च करता है। लेकिन इस क्षेत्र शान्ति से स्थापित होने से पाकिस्तान और भारत में व्यावसायिक संबध स्थापित होंगे जिससे पकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी।
पाकिस्तान और भारत के बेहतर संबंधों में दो बड़ी अड़चने
पाकिस्तान और भारत के बेहतर संबंधों में दो बड़ी अड़चने हैं दोनों देशों के राजनीतिक दल और कुछ बड़ी विदेशी ताक़तें जैसे चीन, अमेरिका और रूस। यह बड़ी विदेशी ताक़तें अपना हित साधने के लिए पाकिस्तान और भारत का इस्तेमाल करते रहते हैं। कभी अमेरिका पाकिस्तान को सहायता देता रहा और रूस भारत से अच्छे संबंध बनाए हुए था तो आज भारत और अमेरिका दोस्त हैं तो रूस और चीन पाकिस्तान को सहायता दे रहे हैं।
पाकिस्तान को जल्दी समझ आ जाए तो अच्छा है के इसमें ज़्यादा नुक्सान पाकिस्तान को ही उठाना पड़ा है। भारत की अर्थव्यवस्था दिन ब दिन मज़बूत होती रही है जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में गिरावट आती रही यही जो की थमने का नाम नहीं ले रही है।
दूसरी एक बड़ी समस्या है राजनीतिक दल। दोनों देशों के राजनीतिक दल एक दूसरे के देश पर प्रहार कर वोटों को आकर्षित करने का काम करते रहते हैं। जिन लोगों को हम देश चलाने के लिए सौंप देते है व्ही हमारे लिए सबसे बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। सत्ता में काबिज़ होने के लिए नागरिकों को उकसाया जाता है राष्ट्रभक्ति के नाम पर वोट मांगे जाते हैं पर राष्ट्र हिट में फैसला लेने का समय आता है तो पतली गली निकल जाते हैं।
यदि दोनों देशों के राजनीतिज्ञ दृढ़ निश्चय कर लें शान्ति स्थापित करना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन अभी ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा।