DDMA की गाइडलाइंस में स्कूल हाइब्रिड मोड में चलाने के लिए कहा गया है। स्कूल फाइनल एग्जामिनेशन और प्री बोर्ड एग्जाम ऑफलाइन लेने के स्कूलों के फैसले पर कई स्टूडेंट्स और पेरेंट्स नाखुश हैं और उनका कहना है कि वे ऑनलाइन एग्जाम चाहते हैं
हालात कुछ ठीक होने के बाद, दिल्ली के स्कूल 9वीं से 12वीं के लिए खुल गए हैं और अब एग्जामिनेशन की तैयारी भी चल रही है। एग्जाम ऑफलाइन होंगे या ऑनलाइन, इस पर बहस शुरू हो गई है। पैरंट्स का कहना है कि स्कूल सिर्फ ऑफलाइन एग्जाम का ऑप्शन दे रहे हैं।
डीडीएमए ने अपनी गाइडलाइंस में स्कूल हाइब्रिड मोड में चलाने को कहा है और स्कूल जाने के लिए पैरंट्स की लिखित अनुमति भी जरूरी है मगर प्राइवेट स्कूल फाइनल एग्जामिनेशन और प्री बोर्ड एग्जाम ऑफलाइन लेना चाहते हैं। इस पर कई नाखुश स्टूडेंट्स और पैरंट्स का कहना है कि वे ऑनलाइन एग्जाम चाहते हैं मगर स्कूल उन पर ऑफलाइन एग्जामिनेशन का दबाव बना रहे हैं। पैरंट्स का कहना है कि कोविड 19 के मामले अभी गए नहीं है और वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं। पैरंट्स का कहना है कि स्टूडेंट्स के लिए दोनों ऑप्शन रखा जाए, वही स्कूलों का मानना है कि यह उनके मुश्किल है।
दिल्ली पैरंट्स असोसिएशन की प्रेजिडेंट अपराजिता गौतम का कहना है कि स्कूल खोलने की गाइडलाइंस में सरकार ने हाइब्रिड मोड की बात की है मगर उसने यह नहीं बताया है कि एग्जामिनेशन में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ऑप्शन मिलेंगे। शिक्षा निदेशालय को पता होना चाहिए कि यह सभी के लिए उलझन पैदा करेगा और यही हुआ है सभी स्कूल ऑफलाइन एग्जामिनेशन की बात कर रहे हैं। खासतौर पर पैरंट्स और स्टूडेंट्स इस वक्त ऑफलाइन मोड के पक्ष में नहीं है। इसके अलावा 14 फरवरी से छोटे बच्चों के स्कूल खुलेंगे, जिन्हें वैक्सीन भी नहीं लगी है तो क्या इन सभी बच्चों को भी स्कूल आकर एग्जाम देना पड़ेगा?
कई प्रधानाचार्यओ का कहना है कि, क्लास 9 से 12 के लिए फिजिकल मोड ही होना चाहिए, उन्हें वैक्सीन लग चुकी है। अब हमारे लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में क्लासेज और एग्जाम रखना मुश्किल है। जूनियर बच्चों के लिए हाइब्रिड मोड हो सकता है मगर बड़े बच्चों को क्यों दिक्कत है! सीनियर्स के लिए अब स्कूल पूरी तरह से खुलना बहुत जरूरी है। यह समझना जरूरी है कि उन्हें वैक्सीन लग चुकी है और स्कूल में SOP का पालन किया जा रहा है।