दिलजीत दोसांझ (Daljit Dosanjh) की फिल्म ‘जोगी’ नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी 1984 के सिख विरोधी दंगों पर आधारित है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद दिल्ली में शुरू हुए इन दंगों के बारे में हम जानते हैं। लेकिन फिर भी निर्देशक अली अब्बास जफर की यह फिल्म कई दर्दनाक पलों का सामना कर हमें सोचने पर मजबूर कर देती है।

फिल्म की कहानी जोगिंदर सिंह उर्फ जोगी नाम के शख्स पर आधारित है। कहानी की शुरुआत 31 अक्टूबर 1984 को उस देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से होती है। उसके बाद दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में दंगे देखने को मिल रहे हैं। दंगों के बीच, जोगी और उनके पिता अनजाने में बस में चढ़ जाते हैं और लोगों के क्रोध का सामना करते हैं। परेशान जोगी लोगों से एक ही बात पूछते हैं, हमारी गलती क्या है? इन कठिनाइयों और निकट मृत्यु के बीच, जोगी अपने परिवार के साथ-साथ दूसरों को भी बचाने का फैसला करता है।

फिल्म में दिलजीत ने एक सिख व्यक्ति की भूमिका निभाई है जो 1984 के दंगों में अपने लोगों की जान बचाने के लिए लड़ता है। दिल्ली से आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह ने फिल्म ‘जोगी’ की तारीफ करते हुए इसे 1984 के सिख जनसंहार की सच्ची तस्वीर बताया। अली अब्बास जफर की फिल्म ‘जोगी’ की कहानी एक सच्ची कहानी पर आधारित है। फिल्म की शुरुआत वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसक घटनाओं से होती है। इस फिल्म को देखने के बाद आप के विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि जो लोग इस नरसंहार से पीड़ित हैं वे खुद को इस फिल्म से जोड़ रहे है।
