उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज सदन की कार्रवाई काफी हो हल्ले हंगामे के बीच शुरू हुई । हालांकि थोड़ी देर बाद सरकार और विपक्ष के बीच सवाल जवाब का दौर शुरू हो गया। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया। उन्होने कहा की अगर सरकार के पास स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट नहीं है तो इस बात को मुख्यमंत्री को स्वीकार कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा की सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट हाथों में सौप देना चाहती है इस प्रकार से इलाज़ आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगा। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने सपा सरकार के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए कार्यों का भी उल्लेख किया।
अखिलेश के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्ही पर पलटवार करते हुए कहा पर उपदेश कुशल बहुतेरे… दूसरों को उपदेश देना बहुत आसान है। उन्होंने कहा ये बहुत ही दुर्भाग्य की बात है की प्रदेश में चार बार समाजवादी पार्टी की सरकार रही है। पिछले पांच सालों में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों मौते होती थी लेकिन पिछले पांच सालों में इसमें साल दर साल सुधार होता गया और इस साल एक भी मौत नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने कहा उत्तर प्रदेश के स्वस्थ्य और शिक्षा सेवाओं की जितनी बदहाली समाजवादियों की सरकार में हुई वो किसी ने नहीं करी। उन्होंने कहा डबल इंजन की सरकार में अब तक 38 करोड़ कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा की लोकतंत्र में विपक्ष का अपना महत्व होता है। नेता प्रतिपक्ष को ये शोभा नहीं देता की वो तथ्यहीन बाते कहे। इस पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हम नेता सदन के बयान से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए सदन से वॉक आउट कर रहे हैं।