दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों पर स्कूल फेस को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए आदेश जारी किया की कोई भी स्कूल तीन महीने की फीस एक साथ नहीं लेगा।
पिछले कुछ दिनों मध्यम वर्ग के अभिभावक सोशल मीडिया द्वारा उपमुख्यमंत्री से लगातार स्कूलों द्वारा तीन महीन की फीस, एनुअल चार्ज और ट्रांसपोर्ट चार्ज मांगने की शिकायत कर रहे थे।
ले सकते हैं सिर्फ ट्यूशन फीस
दिल्ली सरकार ने संज्ञान लेते हुए सभी स्कूलों को आदेश दिया है की कोई भी स्कूल सरकार की इजाज़त के बिना फीस नहीं बढ़ा सकता। मनीष सिसोदिया ने कहा की स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस नहीं ले सकते क्योंकि ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल नहीं हो रही। तीन महीने की फीस एक साथ लेने की जगह हर महीने फीस लेनी होगी और सिर्फ ट्युशन फीस ही ली जाएगी। ट्युशन फीस ना मिलने की स्तिथि में किसी भी बच्चे को ऑनलाइन क्लास से वंचित नहीं रखा जाये।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा सभी प्राइवेट स्कूलों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने सभी स्टाफ को समय पर वेतन दें। ये आदेश सभी प्राइवेट स्कूलों (सरकारी ज़मीनों अथवा प्राइवेट ज़मीनों वाले) पर लागू होंगे.
लोग ट्वीट कर दे रहें हैं जानकारी
कुछ लोगों ने सीसोदिआ को ट्वीट कर जानकारी दी की उनके बच्चे के स्कूल ने मैसेज कर एक महीने की फीस देने को ही कहा है। जबकि कुछ स्कूलों के शिक्षकों ने शिकायत करते हुए कहा है की उनके स्कूल ने उन्हें इस महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं दी है कृपया स्कूल को आदेश करें।
ज्ञात रहे की स्कूलों द्वारा मनमानी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार शुरू से ही सख्त रुख अपनाती रही है। दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों को बेहतर किआ है जिसकी तारीफ़ पुरे विश्व में हुई है। इतना ही नहीं अमरीकी राष्ट्रपति की पत्नी मेलानिआ ट्रम्प ने अपने एक ट्वीट में कहा “
फरवरी में भारत का दौरा करते समय, मैं यह जानकर प्रभावित हुई कि उनके स्कूल में अपने पाठ्यक्रम में खुशी को कैसे शामिल करते हैं। असामान्य रूप से चुनौतीपूर्ण समय में, मन और शरीर दोनों का ध्यान रखकर अपना ध्यान रखने की कोशिश करें। “
