बैंक इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। 22,842 करोड़ के इस घोटाले में अहमदाबाद की एक कम्पनी एबीजी शिपयार्ड निदेशकों ने 28 बैंकों को कथित रूप से चूना लगाया। ऍफ़आईआर में कहा गया है कि 25 अगस्त, 2020 को डीजीएम, भारतीय स्टेट बैंक, मुंबई में एसएएम शाखा के डीजीएम बालाजी सिंह सामंत से एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड जिसका पंजीकृत कार्यालय सूरत में था, के खिलाफ एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी। ऋषि कमलेश अग्रवाल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक और गारंटर, संथानम मुथास्वामी, एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के अन्य निदेशकों और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, आधिकारिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ई-स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (वर्तमान में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया), ई-स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (वर्तमान में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) आदि सहित बैंकों के संघ को 22,842 करोड़ रुपये का गलत नुकसान हुआ है। बैंक ने पहली शिकायत 8 नवंबर 2019 करवाई थी जिसपर 12 मार्च 2020 को सीबीआई ने कुछ स्पष्टीकरण मांगे। इसी वर्ष अगस्त में बैंक ने नए सिरे से शिकायत दर्ज कराई। डेढ़ साल तक छानबीन करने के बाद सीबीआई ने 7 फरवरी 2022 को ऍफ़आईआर दर्ज की। अपने मोबाइल पर हमारी एप्प डाउनलोड करें कहीं आप होटल या फ्लाइट के लिए ज़्यादा पैसा तो नहीं दे रहे, यहाँ देखें प्राइवेट सेक्टर की शिपयार्ड कम्पनी AGB Shipyard Limited ने 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानो से करोड़ों रुपया लिया। ऑडिट के दौरान यह भी पता चला कि अधिकारिओं ने जिस उद्देश्य से पैसा लिया था उसमे इस्तेमाल ना कर पैसे का इस्तेमाल किसी अन्य उदेश्य से किया। घोटाला मुंबई की ओवरसीज़ ब्रांच में अप्रैल 2012 से जुलाई 2017 के बीच हुआ।
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