इंडिया 24×7 न्यूज़ 17 जनवरी 2021,
पंजाब आम आदमी पार्टी मुख्यमंत्री की घोषणा सोमवार को हो सकती है। आम आदमी पार्टी ने पंजाब मुख्यमंत्री कौन हो इसके लिए पंजाब की जनता से फोन द्वारा राय मांगी जिसके जवाब में 15 लाख से भी ज़्यादा फोन कॉल और मैसेज आ चुके हैं। आम आदमी पार्टी का यह पुराना पैंतरा है जो उनके बहु काम आता है। इससे पार्टी हाइकमान किसी एक नेता का नाम सुझाकर बुरा बनने से तो ही है दूसरी और जनता को भी लगता है कि मुख्यमंत्री बनाने में उनकी भी भागेदारी है।
उम्मीद की जा रही है कि आज सोमवार को आम आदमी पार्टी अपने मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा कर देगी। यदि कुमार विशवास की माने तो उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि पिछले चुनावों में अरविन्द केजरीवाल खुद पंजाब का मुख्यमत्री बनना चाहते है। लेकिन ऐसा दीखता है अरविन्द केजरीवाल ने वह सपना देखना छोड़ दिया है मुख्यमंत्री पद के लिए भगवंत मान उनकी पसंद हैं। लेकिन अब यह फैसला जनता पर छोड़ दिया गया है।
इस बार पंजाब का चुनाव बहुकोणीय हो चुका है और लगभग सभी दलों के लिए सत्ता का संघर्ष बेहद मुश्किल हो चुका है। कोई भी राजनीतिक दल किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहता। आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता को देखते हुए टिकटों की मारामारी भी रही।
संभव है पंजाब की जनता कांग्रेस और अकाली दल से ऊब कर आम आदमी पार्टी को सत्ता में आने का मौका दे, लेकिन यह फैसला तो मार्च में ही होगा। आम आदमी पार्टी मुफ्त पानी बिजली और कई अन्य बड़ी घोषणाएं कर चुकी है देखना है कितने लोग इससे प्रभावित होता है।
पंजाब में नशा एक बड़ा मुद्दा है और आम आदमी पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस और अकाली मिलजुल कर बारीबारी सरकार चला रहे हैं इसलिए कांग्रेस नशा माफ़िया पर लगाम लगाने में नाकामयाब रही है। आप नेताओं का कहना है कि हाल ही में मुख्यमंत्री चन्नी ने विक्रमजीत सिंह मजीठिया पर ऍफ़ आई आर की है वह केवल चुनावी स्टंट है।
कुछ दिन पहले अरविन्द केजरीवाल ने चंडीगढ़ प्रेस कांफ्रेंस में कहा था की हम किसी से मिले हुए नहीं हैं,हमारी किसी से सांठगांठ नहीं है, हम पंजाब से नशा खत्म कर देंगे। देखना होगा कि यदि आम आदमी पार्टी की पंजाब में सरकार बनी है उनके वाडे केवल चुनावी जुमले साबित होंगे या वह लुछ कर भी पाएंगे।
चन्नी और सिधु के बीच लड़ाई कांग्रेस के लिए नुकसानदायक
आज के माहौल को देखें तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में सीधा मुकाबले दिखाई दे रहा है जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह और अकाली दल भी वर्चस्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और पहले की तरह भाजपा दूसरे दल के साथ बैसाखी का सहारा लेकर अपने पैर पसारने की कोशिश में लगी है। ये बात अलग है कि प्रधानमंत्री मोदी के मास्टर स्ट्रोक की वजह से पंजाब में भाजपा के वोट प्रतिशत में वृद्धि होगी।
वहीं दूसरी तरफ चन्नी और सिधु के बीच लड़ाई कांग्रेस के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। हालांकि कांग्रेस कुछ मशहूर चेहरों (मुसेवाला और सोनू सूद की बहन) को पार्टी से जोड़ने में कामयाब रही लेकिन चन्नी और सिधु के बीच लड़ाई का फायदा आम आदमी पार्टी को मिलता दिख रहा है।